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बस्ती, उत्तर प्रदेश: पति की हत्या के बाद न्याय के लिए भटक रही पत्नी और मां, सीएम से लगाई गुहार

By tvlnews May 27, 2025
बस्ती, उत्तर प्रदेश: पति की हत्या के बाद न्याय के लिए भटक रही पत्नी और मां, सीएम से लगाई गुहार

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के मझौवा दूबे गांव में एक दिल दहलाने वाली घटना ने पीड़ित परिवार को न्याय की आस में दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया है। शोभाराम वर्मा की निर्मम हत्या के बाद उनकी पत्नी और मां महीनों से इंसाफ की गुहार लगा रही हैं, लेकिन पुलिस की कथित निष्क्रियता और ढिलाई ने उनके जख्मों को और गहरा कर दिया है।

पीड़ित पत्नी के अनुसार, 28 जनवरी 2025 को राम जुगुन यादव, शैलेष यादव, अग्रेज और मस्तराम वर्मा उनके पति शोभाराम को घर से बुलाकर ले गए। इसके बाद उनकी हत्या कर शव को मझौली गोसाई बाजार से 500 मीटर उत्तर, सड़क किनारे फेंक दिया गया। हत्यारों ने इसे सड़क हादसे का रूप देने की कोशिश की, जिसके चलते शुरुआत में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। पीड़ित परिवार ने रात भर शोभाराम की तलाश की, लेकिन सुबह उन्हें सड़क किनारे उनका शव मिला, जिसके चेहरे पर चोट के निशान स्पष्ट थे।

घटना की सूचना तत्काल छावनी थाने को दी गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित पत्नी का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर प्राथमिकी दर्ज करने में देरी की। चार महीने बाद डीएनए रिपोर्ट और डीआईजी के निर्देश पर मुकदमा तो दर्ज हुआ, लेकिन नामजद अभियुक्त अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। पीड़िता का कहना है, “ऐसा लगता है कि अभियुक्तों की पुलिस से मिलीभगत है, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा।” 

हत्या के पांच महीने बीत जाने के बाद भी अभियुक्तों की गिरफ्तारी न होने से हताश पीड़ित पत्नी और मां ने अब पुलिस अधीक्षक और मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। पीड़िता ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमारे परिवार को इंसाफ चाहिए। अभियुक्त खुलेआम घूम रहे हैं, और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। हम हाथ जोड़कर गुहार लगा रहे हैं कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।”

छावनी थाने के प्रभारी जनार्दन प्रसाद ने बताया कि जांच में कई सबूत मिले हैं और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने दावा किया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द कार्रवाई होगी।

पुलिस की निष्क्रियता और देरी ने इस मामले में कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार की गुहार और स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवालों के बीच यह देखना बाकी है कि शोभाराम के हत्यारों को कब तक सलाखों के पीछे लाया जाएगा और क्या पीड़ित परिवार को उनका हक मिल पाएगा।

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