ब्रेकिंग न्यूज़: बस्ती के कुदरहा में यूरिया कालाबाजारी का भंडाफोड़!

बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक में साधन सहकारी समिति चरकैला में यूरिया की कालाबाजारी का सनसनीखेज खेल बेनकाब हो गया! बुधवार दोपहर ADM प्रतिपाल सिंह चौहान और SDM सदर शत्रुघ्न पाठक की अगुवाई में प्रशासन की तेज-तर्रार टीम ने धमाकेदार छापेमारी की। स्टॉक में भारी गड़बड़ी पकड़े जाने पर समिति सचिव राजू मिश्रा के खिलाफ फर्द दर्ज करने का सख्त आदेश जारी हुआ। कालाबाजारियों में हड़कंप मच गया, और बाजार में अफरा-तफरी का माहौल छा गया!
ADM का तूफानी एक्शन: गोदाम में घुसते ही खुली पोल
बुधवार दोपहर 3 बजे प्रशासन की टीम ने कुदरहा पेट्रोल पंप के सामने रामचंद्र क्रय-विक्रय समिति पर छापा मारा। दुकानदार ने 28 फरवरी का पुराना चालान दिखाया, मगर ई-पास मशीन में 500 बोरी यूरिया का स्टॉक दर्ज मिला। गड़बड़ी की आहट पाते ही टीम चरकैला की साधन सहकारी समिति पहुंची, जहां कार्यालय ताला बंद मिला! सचिव राजू मिश्रा को फोन कर तलब किया गया।
AR कोऑपरेटिव आशीष श्रीवास्तव ने खुलासा किया कि समिति ने 24 मई को 500 बोरी यूरिया का उठान किया था। लेकिन स्टॉक मिलान में चौंकाने वाला गड़बड़झाला सामने आया—28-29 अप्रैल को 150 बोरी और 30-31 मई को 200 बोरी यूरिया का वितरण रजिस्टर में दिखाया गया, मगर किसानों के नाम गायब! ADM ने इसे कालाबाजारी का पक्का सबूत मानते हुए सचिव के खिलाफ फर्द दर्ज करने और आसपास के CCTV फुटेज खंगालने का फरमान सुनाया। AR कोऑपरेटिव को भी फर्द लिखने की सख्त हिदायत दी गई।
ADM प्रतिपाल सिंह चौहान ने गुस्से में ललकारते हुए कहा, "यूरिया की कालाबाजारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी! किसानों के हक पर डAKA डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी!" उन्होंने अन्य समितियों और निजी दुकानों की भी जांच का ऐलान किया। छापेमारी के दौरान एक निजी दुकान पर स्टॉक में गड़बड़ी पकड़ी गई, जिससे कालाबाजारियों में खलबली मच गई।
वायरल वीडियो ने उजागर किया काला खेल
सूत्रों के मुताबिक, कुदरहा में ट्रक से यूरिया उतारने का एक वायरल वीडियो इस काले कारनामे को उजागर करने का सबब बना। हैरानी की बात यह कि AR कोऑपरेटिव को पहले से ही कालाबाजारी की सूचना थी, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस वीडियो ने प्रशासन को हरकत में लाया, और ADM की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने कालाबाजारियों के होश उड़ा दिए।
छापेमारी में ADO कोऑपरेटिव मनोज कुमार चौबे, ADO AG संदीप आमेटा, और गोदाम इंचार्ज क्षितिज वर्मा भी मौजूद रहे।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस जांच का दायरा और कितना बढ़ेगा। CCTV फुटेज और स्टॉक रजिस्टर की गहन जांच से कौन-कौन बेनकाब होगा? क्या सचिव और अन्य दोषियों को सजा मिलेगी? बस्ती की जनता और किसान इस सवाल का जवाब इंतजार कर रहे हैं।
रिपोर्ट: वेदप्रकाश चौधरी
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