गोंडा CMO ऑफिस में रिश्वतखोरी, क्लर्क का रिश्वत लेते वीडियो वायरल

गोंडा:सरकार भले ही सरकारी कार्यालय से भष्ट्राचार को खत्म करने के लाख दावे कर ले लेकिन हकीकत इससे अलग है हम बात कर रहे यूपी के गोंडा जिले की जहा पर सीएमओ आफिस में तैनात बाबू से लेकर अधिकारी तक रिस्वतखोरी का खेल चल रहा है।
गोंडा सीएमओ आफिस में तैनात कनिष्ठ लिपिक शशि कांत श्रीवास्तवा का रिस्वत लेते वीडियो वायरल हो रहा है और उस वीडियो में साफ दिख रहा है कि 500 के नोटो की गड्डियां रिस्वत लेकर अपने जेब मे रख देखा जा सकता है। मामला यही नही खत्म होता है। उस वीडियो में सीएमओ के नाम से लेकर बाबू का पैसा लेने देना का पूरा हिसाब को सुना व देखा जा सकता है। आइए हम आपको पहले दिखाते से सीएमओ कार्यलय में आफिस में खुलेआम रिस्वत लिया जा रहा आप को देखिए और समझिए पूरा खेल........
जिले में सीएमओ कार्यलय में खुलेआम रिस्वत का खेल चल रहा है। हम ऐसे ही स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों व अधिकारी भष्ट्राचार की पोल खोलेंगे। स्वास्थ्य विभाग जनता की सबसे जरूरी सेवाओं में शामिल है। इस विभाग में रिस्वतखोरी का खेल चल रहा है। इसको हम वीडियो के ज़रिए हम आपको दिखाएंगे की कैसे होता है स्वास्थ्य विभाग में सरकारी धन का बंदर बाँट होता है। विभाग ने सप्लाई का खेल में रिस्वतखोरी का खेला जा रहा और सरकारी धन का बंदर बाट हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग का एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जो स्वास्थ्य विभाग की हकीकत सामने लाने के लिए काफी है वीडियो में स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी कुर्सी पर बैठा नजर आ रहा है वो कोई और नहीं बल्कि सीएमओ ऑफिस में तैनात शशि श्रीवास्तव नाम का एक बाबू है जो सीएमओ व कार्यालय में भष्ट्राचार के कारनामो का हिसाब रखता है और ठेकेदारों से कमीशन वसूलने के कार्य करता है जो वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कार्यालय मेंं कनिष्ठ लिपिक वीडियो में ठेकेदार से पूर्व में किये गए कार्य को लेकर लेन देन की बात रहा है और नोटों की गड्डी लेते हुए भी साफ नजर आ रहा है।
ठेकेदार साफ शब्दों में कह रहा है कि आप बात समझिए आपका विभागीय मामला है। आप आधा आधा बांट लीजियेगा हमे बीच मे मत लाइये वहीं ठेकेदार यह भी कह रहा है कि 50 हज़ार मैने पहले दिया था वो वापस न करे 50 हज़ार हम सीएमओ साहब को दे चुके हैं। इससे साफ ज़ाहिर होता है कि कमीशन खोरी को लेकर सीएमओ ऑफिस में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है। यही नहीं कमीशन को लेकर बाबू द्वारा पर्ची पर पूरा हिसाब किताब लिख कर रखा गया है। ये कनिष्ठ लिपिक ठेकेदार का काम बड़ी ही ईमानदारी से करने को कह रहा है। वो इस लेनदेन में पारदर्शिता रखने को कह रहा है कि काम उन्होंने कराया है तो उनके सामने ये ना हो कि चुपके से सब रख लिए। आइए दिखते है सीएमओ कार्यालय मेंं रिश्वतखोरी का किस तरीके सेे चलता खेल.....
रिपोर्ट-अतुल कुमार यादव