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“जग्गू की लालटेन” || Jaggu ki Lalten एक ऐसी इमोशनल और ड्रामा फिल्म जहां ये सोच पाना मुश्किल होगा कि कब किसको उम्मीद से ज़्यादा मिल जाए।

By tvlnews July 9, 2022
“जग्गू की लालटेन” || Jaggu ki Lalten एक ऐसी इमोशनल और ड्रामा फिल्म जहां ये सोच पाना मुश्किल होगा कि कब किसको उम्मीद से ज़्यादा मिल जाए।

हरिलाल एक अमीर व्यापारी है। उसने कबाड़ के व्यापार से अपना भाग्य बनाया है। हरीलाल बहुत ही चतुर और

समझदार व्यापरी के रूप में जाना जाता है। दयालुता और नैतिकता की छवि भी हरिलाल की एक अलग पहचान है।

यही एक अलग गुण है जो उन्हें दुनिया से अलग बनाता है। वो साईकिल से लेकर हवाई जहाज तक का सौदा करता है।

हरिलाल कबाड़ के व्यापार का बदशाह बनने का सपना लिए बैठा है। उसकी इच्छा है की उसके जैसा व्यापरी कोई और

न हो। वह अपने एक ख़ास सौदे के लिए वह देवभूमि उत्तराखंड के लिए जाता है। बिरेन डांग उनके बेटे की भूमिका में है।



बेटे की व्यापार में खासी दिलचस्पी है और वह व्यापार की रणनितियाँ सीखना चाहता है, तो वह भी अपने पिता के साथ

उत्तराखंड जा रहा है। उत्तराखंड जाते समय रास्ते में मौसम खराब हो जाता है मौसम की वजह से भूस्खलन होने लगता

है। विकट परिस्थितियों कि वजह से हरिलाल और बीरेन ने कोने में एक छोटे से होटल में शरण लेते हैं। अपनी यात्रा के

दौरान हरिलाल की संयोग से जग्गू से मुलाक़ात होती है, जग्गू एक चाय की दुकान चलाने वाला एक बहुत ही साधारण

आदमी है। हरिलाल जग्गू एक साथ बैठे हैं, बैठक के दौरान जग्गू अपने जीवन की कहानी बताता है की उसने किन संघर्षों

का सामना है। जग्गू की कहानी सुनकर हरिलाल अब जग्गू के जीवन को वापस पटरी पर लाने में मदद करने की कसम

खाता है। बैठक के बाद हरिलाल अपने व्यापारिक सौदे के लिए निकल पड़ता है। रास्ते में हरिलाल लगातार जग्गू के कष्टों

और संघर्षों को सोचता हुआ जा रहा होता है। 


अपनी मंजिल पर पहुँचने पर पार्टियों के साथ मीटिंग में भाग लेता है और मीटिंग एक विजयी सौदे के साथ समाप्त होती है। मीटिंग के दौरान हरिलाल की नज़र एक ख़ास लैम्प की तरफ जाती है और वो उसको देखते ही मोहित हो जाता है। एक व्यवसायी होने के नाते उन्होंने इसके महत्व को पहचाना और उसका सौदा करने की सोची हरी लाल नें फैसला किया कि ये सौदा जग्गू के जीवन में बदलाव ले आयेगा। हरिलाल का इरादा तो नेक है पर लोगों के समर्थन की कमी है। बीरेन इस सौदे से सहमत नहीं है। वह अपने पिता के इस फैसले का विरोध करता है, लेकिन फिर भी  हरिलाल जग्गू के जीवन को पटरी पर लाने के लिए पूरी ताकत के साथ उसकी मदद करना

चाहता है। इस प्रकार “जग्गू की लालटेन” एक ऐसी फिल्म है जो मदद करने के ख़ास महत्व पर प्रकाश डालती है।

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