मुंडेरवा चीनी मिल में 13 करोड़ का गन्ना विकास घोटाला: सख्त कार्रवाई शुरू

बस्ती जिले की मुंडेरवा चीनी मिल, जो 27 साल बाद 2021 में फिर से शुरू हुई, में गन्ना विकास योजना के नाम पर 13 करोड़ रुपये के घोटाले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यह घोटाला 2021 से 2023 के बीच सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया, जिसमें मिल के अधिकारियों और कानपुर की निजी एजेंसी लीनिंग सिक्योरिटी सर्विस की मिलीभगत सामने आई है। मामले के उजागर होने के बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। मुख्य गन्ना प्रबंधक कुलदीप द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया, पूर्व जीएम बृजेंद्र द्विवेदी की पेंशन रोकी गई, और अन्य अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र जारी किए गए। इस कार्रवाई से मिल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
*घोटाले का खुलासा*
विभागीय जांच में पता चला कि गन्ना विकास योजना के तहत 160 गांवों में उन्नत बीज वितरण, सिंचाई सुविधाएं और कीट नियंत्रण के लिए लीनिंग सिक्योरिटी सर्विस को 15 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था। लेकिन, कंपनी ने बिना किसी जमीनी कार्य या वैध आदेश के कागजों पर 430 गांवों में गन्ना विकास कार्य दिखाकर 12 करोड़ रुपये का भुगतान हासिल कर लिया। यह भुगतान तब किया गया, जब गन्ना आयुक्त ने इस पर रोक लगाई थी। शेष 3.12 करोड़ रुपये के भुगतान पर बाद में रोक लगाई गई। कई गांवों में किसानों ने अपनी मेहनत और लागत से गन्ना विकास किया, लेकिन इसे भी फर्जीवाड़े में शामिल कर लिया गया।
*कठोर कार्रवाई*
प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इस घोटाले में शामिल लोगों पर सख्त एक्शन लिया गया है:
- *कुलदीप द्विवेदी (मुख्य गन्ना प्रबंधक)*: निलंबित।
- *बृजेंद्र द्विवेदी (पूर्व जीएम)*: पेंशन रोकी गई।
- *रवि प्रभाकर (पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट) और रूपेश कुमार मल्ल (वर्तमान CA)*: आरोप पत्र जारी।
- *एसके मेहरा (प्रधान प्रबंधक, चीनी निगम)*: बर्खास्त।
*किसान यूनियन ने उठाया मुद्दा*
इस घोटाले को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश सचिव और गन्ना सहकारी समिति के पूर्व चेयरमैन दीवानचंद्र पटेल ने उजागर किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तीन बार मुलाकात की और दो बार विस्तृत जांच कराई, जिसके बाद इस महाघोटाले का पर्दाफाश हुआ। किसानों ने इस मुद्दे पर कई बार प्रदर्शन किए और अब दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
*किसानों का भरोसा टूटा*
जिला गन्ना अधिकारी के अनुसार, जनपद में गन्ने का रकबा घट रहा है, और विभाग किसानों को गन्ना खेती बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इस घोटाले ने किसानों का भरोसा तोड़ा है। मुंडेरवा चीनी मिल के जीएम महेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि गन्ना विकास योजना बंद कर दी गई है, और घोटाले की जांच जारी है। जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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