गाजियाबाद में नकली दूतावास का भंडाफोड़: MBA हर्षवर्धन जैन ने खड़ा किया ठगी का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क

गाजियाबाद में नकली दूतावास कांड: MBA पास हर्षवर्धन जैन ने रचा करोड़ों का ठगी तंत्र
गाजियाबाद। देश की राजधानी के पड़ोसी जिले गाजियाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने प्रशासन और खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। एक लंदन से MBA कर चुका युवक, हर्षवर्धन जैन, ने न सिर्फ एक बल्कि चार फर्जी देश बनाए और उनके अवैध दूतावास (Fake Embassy) गाजियाबाद में ही खोल दिए। इस फर्जीवाड़े में अंतरराष्ट्रीय संपर्कों से लेकर सैटेलाइट फोन और विदेशी मुद्रा तक का इस्तेमाल किया गया।
चार फर्जी देश, एक ठग और गाजियाबाद में खुले नकली दूतावास
हर्षवर्धन जैन और उसका ‘सेबोर्गा’ राज
हर्षवर्धन ने खुद को एक फर्जी देश ‘सेबोर्गा’ का राजदूत बताया। सेबोर्गा वास्तव में इटली के एक छोटे से गांव का नाम है, लेकिन उसने इसे स्वतंत्र देश घोषित कर नकली पहचान पत्र, मुद्रा, और डिप्लोमैटिक कारें तक बना डालीं। यही नहीं, उसने खुद को "His Excellency" की उपाधि भी दे दी।
चार देशों की बनावटी सरकारें
सेबोर्गा (Seborga)
एसगार्डिया (Asgardia)
लाडोनिया (Ladonia)
केसीसी (KCC)
इन फर्जी देशों के नाम पर हर्षवर्धन ने डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विशेष दर्जा, और यहां तक कि राजनयिक छूट भी दिखाने की कोशिश की।
कैसे हुआ खुलासा: अवैध सैटेलाइट फोन और हथियार डीलर से कनेक्शन
सैटेलाइट फोन बना संदेह का कारण
हर्षवर्धन के पास अवैध सैटेलाइट फोन मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जांच शुरू की। यह फोन केवल सीमित सुरक्षा एजेंसियों के उपयोग में आता है। इस तकनीकी साक्ष्य ने इस पूरे मामले की परतें खोल दीं।
अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर से संपर्क
जांच में सामने आया कि आरोपी के संबंध दुबई और लंदन में मौजूद अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करों से हैं। इससे उसके नेटवर्क की गहराई और इस रैकेट की गंभीरता उजागर होती है।
शैक्षिक और पेशेवर पृष्ठभूमि: लंदन से MBA, ठगी में PHD
हर्षवर्धन जैन ने लंदन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से MBA किया था। उसकी शैक्षिक योग्यता को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वह एक ठगी साम्राज्य का संचालन कर रहा है।
एफआईआर, गिरफ्तारियां और आगे की कार्रवाई
एफआईआर की गई दर्ज
गाजियाबाद पुलिस ने IPC की कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की है, जिसमें:
धोखाधड़ी
जालसाजी
राष्ट्रविरोधी गतिविधियां
सरकारी विभागों की छवि खराब करना
आरोपी पुलिस हिरासत में
हर्षवर्धन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और आतंरिक सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं।
गाजियाबाद में नकली दूतावास के नाम पर हाई-टेक फ्रॉड
इस पूरे प्रकरण ने यह दिखा दिया कि शिक्षा और तकनीक का इस्तेमाल अगर गलत दिशा में किया जाए, तो वह देश की आंतरिक सुरक्षा तक को प्रभावित कर सकता है। हर्षवर्धन जैन के नकली दूतावास के इस नेटवर्क को अगर समय रहते उजागर न किया जाता, तो यह एक बड़ा राजनयिक संकट बन सकता था।
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